NEET 2018 : लंबे सवालों को हल करें, छोटे सवाल उलझाते हैं
एजुकेशन डेस्क। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) मेडिकल एंट्रेंस 2018 की परीक्षा 5 मई को होने जा रही है। इस परीक्षा के लिए कुछ ही दिन का समय बाकी है। एक्सपर्ट्स का स्टूडेंट्स को एक अहम सुझाव है कि वे ब्लाइंड रिस्क न लें। यदि किसी सवाल के दो अॉप्शन भी समझ अा रहे हैं, तब भी अंदाजे से उसे न चुने क्योंकि निगेटिव मार्किंग से जो भी स्कोर किया है, वो भी घटता जाएगा। पिछले सालों में देखने में अाया है कि स्टूडेंट्स एग्जाम के बाद फीडबैक देते हैं कि अोएमअार शीट खाली लग रही थी, इसलिए अाखिर में अंदाजे से टिक कर दिया। अच्छा स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स भी यह गलती कर जाते हैं।
लंबे सवालों का ट्रेंड
पिछले तीन सालों से देखने में अा रहा है कि फिजिक्स व केमेस्ट्री में लगातार लंबे सवाल अा रहे हैं। लंबे सवालों से मतलब एेसे सवालों से होता है, जिसमें एक के भीतर दो सवाल छुपे होते हैं, जिससे कैल्कुलेशन लंंबा हो जाता है। एक्सपर्ट अनिल अग्रवाल कहते हैं, यही सवाल सॉल्व करना ठीक होगा, क्योंकि इसमें सही उत्तर निकल अाता है। जबकि छोटे सवाल स्टूडेंट्स को ट्रैप करने या उलझाने के लिए बनाए जाते हैं। यह गलती कराने के लिए तैयार किए जाते हैं। सवालों को लेकर भी जब तक जवाब सही होने का पक्का यकीन न हो तब तक हल न करें, क्योंकि यह सिली मिस्टेक कराते हैं।
कुछ नया न पढ़ें
अब नया पढ़ने की बजाए सवाल अोरिएंटेड रिवीजन करें। टेक्स्ट पढ़ने का वक्त अब बचा नहीं है, इसलिए सवाल हल करते वक्त हुई गलती की ही थ्योरी पढ़े। हर दिन पुराने पेपर्स सॉल्व करें अौर गलतियों को देखकर उन्हें ठीक करें। यह पेपर कुल 720 अंक का होता है, जिसमें 90 सवाल बायोलॉजी अौर 45-45 सवाल फिजिक्स अौर केमेस्ट्री से अाते हैं।

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